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A Quirky Charm for Your Morning Brew: Duck Duck Story Mug Review

  Rating: ⭐⭐⭐⭐⭐ Elevating the morning ritual from mundane to magical, the Duck Duck Story Mug is a charming addition to any collection. From its whimsical design to its practical functionality, this mug has quickly become a favorite in my cupboard. Let's start with the design. Adorned with adorable ducks engaged in various antics amidst a tranquil pond scene, this mug is a visual treat. The artwork is vibrant and detailed, capturing the essence of playful serenity. Each duck seems to have a tale to tell, inviting you to create your own narrative as you sip your favorite beverage. Crafted from durable ceramic, the mug feels substantial in hand while remaining comfortable to hold. The handle is ergonomically designed, ensuring a secure grip with every sip. With a generous capacity, it's perfect for enjoying anything from a piping hot cup of coffee to a soothing herbal tea. What truly sets this mug apart is its storytelling quality. As you gaze upon the whimsical scene, you can...
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The Summoning

It’s been a while precious Let’s just give it up my friend Do you think they care It’s difficult for us. It’s difficult to carry the body This white, this white isn’t worthy of our greatness Why do you have to do it Why do you have to carry this one The shiny dream, the flawless look, the brightness of the sun It’s been a while Let’s just pick the worn one today The dark one, the imperfect one, the natural one Doesn’t it tempt us precious The grin look at it precious. It’s us. Grace of the manner-less The one, the only one The arrogant one, the happy one Let’s call him in precious Duck Duck Story

Yaad Rahunga

याद रहूँगा मैं क्या तुमको बादल जब मेरी स्याही बरसायेंगे कितनी बारिशें, कितने मौसम मेरे ख़त बन जाएंगे दो पल हों जो पास तुम्हारे मुट्ठी में तुम मेरी कहानी पकड़ लेना कभी जो तुम हो थोड़ी अकेली इसे इत्मीनान से पढ़ लेना दूर सही मैं और न तुमको ज़रुरत पर इन साँसों को भी हिचकी का सहारा दे देना याद रहूँगा मैं क्या तुमको बादल जब मेरी स्याही बरसायेंगे कितनी बारिशें, कितने मौसम मेरे ख़त बन जाएंगे

Zinda Hu Abhi

चल थोड़ी आज बेपरवाही कर लें कुछ देर के लिए ज़रा आंखें बंद कर लें चल देखें एक सुबह को शाम बनते हुए कुछ आते-जाते लोग और कुछ पंछी उड़ते हुए कुछ वक़्त मिले तो सुनूं साँसों को अपनी हो जाए इनके आने जाने की भी तस्सली कुछ देर ग़ुमान करूँ फिर ज़िंदा होने का गिरवी हूँ तो क्या अभी मोहलत है थोड़ी   कुछ देर ना डर, न ख्वाईश, न चाह  ना मक़सद और ना ज़रुरत हो तेरी कुछ पल, कुछ गंटे तो बस यहाँ शख्सियत हो मेरी

मेरी कहानी बिखर गयी

खोले डाइयरी के कुछ पुराने पन्ने अभी और मेरी कहानी बिखर गयी कुछ सपने गिरे कवर के छेद से जैसे रिहा हुए हों क़ैद से मिली लाश कुछ वादों की वहाँ ना जाने कब किए थे खुदसे और कहाँ कुछ पन्नो बाद वो बे-अदब ‘मैं’ भी निकला ना डर था जिससे और ना कोई परवाह बे-अदब ‘मैं’ मुझसे पूछता है ये यहाँ एक अजीब सा शोर क्यूँ है तेरी सोच में आगे निकालने की होड़ क्यूँ है ये क्या तेरी आम सी ज़िंदगी है ये कौन है तू ये क्या बन गया है तू समझ ए बे-अदब नासमझ है इसीलिए तो हराम है तू दुनिए के कितने कायदों से अंजान है तू कुछ सलीखा सीख ले जीने का अब तो नुस्खे ले कामयाबी के अब तो किन कायदों की बात करता है तू किन वादों की बात करता है तू देख खुद को आईनो मे कभी क्या था और क्या है अब तू सुन ओ क़ायदे पढ़ने वाले सुन ओ सलीखे सिखाने वाले तू कोई मसखरा तो नहीँ क्योंकि तू ‘मैं’ तो नहीं हो सकता कहाँ गयी है मेरी वो बेपरवाही कहाँ है मेरा वो… 'ठा से' चुप करवाया फिर उसे कवर, पन्नो और ड्रॉयर में दबाया फिर उसे बंद किए डाइयरी के कुछ पुराने पन्ने अभी और मेरी कहानी दफ़्न हुई

Thoda Hindu Main

मंदिर भी मैं, मस्जिद भी मैं थोड़ा हिंदू मैं और तोड़ा मुस्लिम भी मैं हूँ शिया मैं, सुन्नी भी हूँ हूँ ब्राहमीन मैं, शुद्रा भी हूँ. कुंभ का नगा भी मैं और हज का हाजी भी मैं क़व्वाल मैं अली का, और फिर नंद का लाल भी तो हूँ. मथुरा के लाल मे मलांग हूँ मैं खोज लेना जब खवजा के शहेर में हो. क्या डालेगा मुझे एक डब्बे में तू, क्या पहचानेगा मुझे एक ठप्पे में तू नहीं मिलेगी मेरी पहचान एक ज़ात मे यू मैं तो दिन हूँ और फिर रात भी तो हूँ.

Jordan by Ishan Mathur

Greetings Everyone, It’s been a while since I had last written anything about anything. Gladly, I was busy with my upcoming novel, which has been a great project. Now my idea has been to present something extraordinary. Firstly, it’s not a love story. Pheeew. I know a lot of there are out there. Jordan is something else. Surprisingly, I really don’t have any words on it. So I’ll just share the cover picture here and keep you all posted on its availability in India and all other countries. Keep the love coming till then. Need it. Also I'll be writing on Snapwryt from now on. Take Care Ishan Mathur